हमारे बारे में

image-01

परिचय

सतीश सुभाष चन्द्र पूनियां (डॉ.सतीश पूनियां) एक राजनीतिज्ञ हैं जि नका जुड़ाव भाजपा से है। वर्तमान में वे भाजपा के राजस्थान राज्य के प्रदेश अध्यक्ष और 2018 से आमेर वि धानसभा से विधायक हैं। उनका जुड़ाव राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ और छात्र राजनीति से भी रहा है।

प्रारम्भिक जीवन एवं शिक्षा

डॉ. सतीशपूनियां का जन्म चूरु ज़िले के छोटे से गाँव के किसान परिवार में हुआ। उनके पिता स्व. श्रीसुभाषचन्द्र पूनियां ग्रामपंचायत समिति के प्रधान थे। उनकी माता का नाम श्रीमति परमेश्वरी देवी हैं। डॉ.सतीश पूनियां के ताऊ स्व.रामस्वरूप पूनियां स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनका सम्बन्ध चौधरी कुम्भा राम आर्य के संगठन से था। इसके अलावा डॉ. पूनियां के परिवार में उनकी पत्नि श्रीमति मोहिनी पूनियां, पुत्र महीप पूनियां और पुत्री अनुष्का पूनियां हैं। डॉ.सतीश पूनियां की प्रारम्भिक शिक्षा चूरु में हुई। 1989 में उन्होंने महाराजा कॉलेज जयपुर से स्नातक और उसके बाद विधि स्नातक (L.L.B) कि या। डॉ. पूनियां ने अपराध विज्ञान और श्रमिक कानून अध्ययन में भी डि प्लोमा कि या है। सन् 1994 में उन्होंने राजस्थान विश्ववि द्यालय से भूगोल विषय में पी.एच.डी पूरी की।

छात्र राजनीति एवं युवा राजनीति

डॉ.सतीश पूनियां आर.एस.एस विचारधारा से प्रभावित हैं। 1982 में वह छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के साथ जुड़े। अगले एक दशक तक उन्होंने विद्यार्थी परिषद में कई महत्वपूर्ण पदों पर जैसे सह-मंत्री, नगर मंत्री, प्रदेश सह-मंत्री, प्रदेश मंत्री और महाराजा कॉलेज जयपुर इकाई के अध्यक्ष भी रहे। वर्ष 1982 से 1989 से दौरान डॉ. पूनियां ने छात्र आंदोलनों एवं शिक्षा सुधार के मुद्दे पर विद्यार्थी परिषद के बैनर तले कई आंदोलन कि ये। वर्ष 1989 में डॉ. सतीश पूनियां राजस्थान वि श्वविद्यालय छात्र संघ के महासचि व चुने गए। छात्र नेता रहते हुए ही उन्होंने बोफोर्स घोटाले के विरुद्ध आंदोलन कि या एवं जेल भी गए।

सन् 1992 में डॉ. सतीश पूनियां भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री बने जहां उनके संयोजन में ऐतिहासिक युवा कॉन्फ़्रेन्स कोटा में आयोजित की गई। 1998 में डॉ. सतीश पूनि यां को भारतीय जनता युवा मोर्चा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। 1998 में राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की हार के बाद उन्होंने पार्टी के संदेश को आगे बढ़ाने एवं युवाओं को जोड़ने के लिये 14 मार्च 1998 से 7 अप्रेल 1998 तक उन्होंने 550 कि मी की यात्रा की। राजस्थान के राजनैति क इति हास में इस तरह की यह पहली यात्रा थी और अभी भी प्रदेश में इतनी बड़ी यात्रा का रि कॉर्ड डॉ. सतीश पूनियां के नाम है। इस यात्रा में उन्होंने अजमेर से भरतपुर तक में 34 विधानसभा क्षेत्र, 9 लोकसभा और 225 गाँवों का दौरा करते हुए लगभग 10 लाख लोगों को भाजपा की विचारधारा से जोड़ा ।

राजस्थान राज्य राजनीति

डॉ. सतीश पूनियां सन्2004 से2006 तक भाजपा के प्रदेश महामंत्री बने एवं 2006 से 2007 तक भाजपा राज्य मोर्चा के प्रभारी बने। वर्ष 2004 से 2014 तक चार बार भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री रहने के साथ-साथ डॉ. सतीश पूनियां ने विभिन्न संगठनात्मक दायि त्वों का निर्वहन किया। इस दौरान उन्होंने प्रवासी/शरणार्थियों के हितार्थ काम करने के साथ ही सुदूर आदि वासी इलाक़ों, रेगि स्तानी इलाक़ों में भी काम किया और भारतीय जनता पार्टी की पकड़ को मज़बूत बनाया। 2011 में डॉ. सतीश पूनियां लालकृष्ण आडवाणी की ‘जन चेतना यात्रा’ के संयोजक रहे। 2013 में तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वसुन्धरा राजे की ‘सुराज संकल्प यात्रा’ में भी डॉ. सतीश पूनियां का महत्वपूर्ण योगदान रहा। 2010 और 2015 में हरि याणा चुनावों में भी डॉ.पूनियां की भूमि का महत्वपूर्ण रही।

आमेर वि धानसभा वि कास कार्य

2018 में डॉ. सतीश पूनि यां आमेर वि धानसभा से निर्वाचित हुए और विधायक के रूप में कार्य संभाला और शिक्षा, पेयजल, सड़क, यातायात और स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्यों को प्राथमिकता दी। ‘सर्व शिक्षा अभियान’ के तहत उन्होंने विद्यालयों के विकास केलिये 1.75 करोड़ रूपए के कार्य करवाए । कन्या शिक्षा डॉ. सतीश पूनियां के लि ये एक प्रमुख मुद्दा रहा है। उन्होंने आमेर एवं प्रदेश भर में कन्या शिक्षा को बढ़ावा देने एवं विद्यालयों में छात्राओं के लिए शौचालयों के निर्माण पर जमीनी स्तर पर काम किए। आमेर वि धानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 150 लाख रूपए की राशि वि धायक कोष से आवंटित की गई। उन्होंने क्षेत्र की जनता के लिये 5.25 करोड़ रूपए की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य सेवा केंद्र खोले एवं स्वच्छ पेयजल प्रदान करने के लिये 250 लाख रूपए के कार्य करवाए।

कोविड -19 के दौरान कार्य

डॉ.सतीश पूनियां ने कोरोना महामारी के दौरान ‘To Help The People Fight The Pandemic’ नामक मुहिम चलाई जिसमें 2.5 लाख पार्टी कार्यकर्ताओं ने 40000 यूनिट रक्त, 10 लाख भोजन के पैकेट, 3.25 लाख राशन किट ज़रूरतमंदों तक पहुँचाए। इन प्रयासों के जरि ये लगभग 75000 लोगों को यथासम्भव मदद की गई।